Bikaner Tourist Places

यह शहर पाकिस्तान सीमा के पास थार रेगिस्तान पर बसा हुआ है। यह शहर राजस्थान के सुनहरे टीलों और बेमिसाल राजसी इमारतों के लिए प्रसिद्ध है। बीकानेर अपने गौरवशाली इतिहास और संस्कृति के लिए जाना जाता है। इस शहर की स्थापना 1488 में राव बीकाजी ने की थी। बीकानेर राजस्थान के सबसे शानदार पर्यटन स्थलों में आता है। बीकानेर में बहुत सारे पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें हम निम्न प्रकार श्रेणीबद्ध कर सकते हैं...

Top 10 Places To Visit In Bikaner/ बीकानेर में घूमने के लिए 10 शीर्ष स्थान।

बीकानेर के पर्यटन स्थल भारत और दुनिया भर के पर्यटकों में प्रसिद्ध हैं। बीकानेर में अनेकों प्रसिद्ध मंदिर हैं, जो पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं। विशेष रूप से कोलायत जी, देशनोक में करणी माता मंदिर, लक्ष्मीनाथ मंदिर, शिवबाड़ी मंदिर, भांडासर जैन मंदिर और यह सूची जारी है। बीकानेर के पर्यटन स्थलों को हम निम्न प्रकार श्रेणीबद्ध कर सकते हैं...

1. Junagarh Fort/ जूनागढ़ दुर्ग 


जूनागढ़ दुर्ग, राजस्थान के बीकानेर शहर में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। इसे पहले चिंतामणि दुर्ग के नाम से जाना जाता था। यह किला थार मरुस्थल के मध्य में स्थित है और अपनी स्थापत्य कला, नक्काशी और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। जूनागढ़ दुर्ग का निर्माण राजा राय सिंह (बीकानेर के छठे राजा) ने करवाया था। राजा राय सिंह मुगल सम्राट अकबर और जहांगीर के दरबार में एक उच्च पद पर कार्यरत थे, और उन्होंने दुर्ग का निर्माण वास्तुकला की राजपूत, मुगल और गुजराती शैलियों को मिलाकर किया। यह किला लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बना है। इसमें चन्द्र महल, फूल महल और करण महल दर्शनीय है। इस दुर्ग के मुख्य प्रवेश द्वार को कर्णपोल कहते हैं। जूनागढ़ दुर्ग को उसकी भव्यता के कारण जमीन का जेवर कहा जाता है। आज जूनागढ़ दुर्ग का एक हिस्सा संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है, जिसमें पुराने हथियार, शाही वस्त्र, चित्रकला, और अन्य ऐतिहासिक वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। यह किला राजस्थान के उन गिने-चुने किलों में से एक है जो पहाड़ी पर नहीं बना हुआ है। इस किले पर कई आक्रमण हुए, लेकिन इसे कभी भी पूरी तरह से जीता नहीं जा सका। जूनागढ़ दुर्ग राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को दर्शाता है और पर्यटकों के बीच एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।

2. Shri Kolayat/ श्री कोलायत जी


यह मंदिर कोलायत झील के किनारे 32 स्नान घाटों से घिरा हुआ है और बीकानेर से 51 km दूर जैसलमेर बीकानेर राजमार्ग पर स्थित है। यह कपिल मुनि की तपोभूमि है। इसका महत्व गंगा स्नान के बराबर है। जनश्रुति के अनुसार महर्षि कपिल ने यहां सांख्य दर्शन का प्रतिपादन किया था। कार्तिक पुर्णिमा को यहां प्रसिद्ध मेला भरता है। कोलायत में गुरुनानक देव जी भी पधारे थे, इसलिए कोलायत की मान्यता सिख समाज में भी बहुत है। उन्होंने यहां उपदेश दिया था। सिखों का यहां एक बड़ा गुरुद्वारा भी है। संतों की तपोभूमि को चांदी और दियातरा गांव के नाम से जाना जाता है। कोलायत के मेले में कोलायत झील में दीपदान करने की परंपरा है।

3. Karni Mata Temple/ करणी माता मंदिर 


करणी माता मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले के देशनोक नामक स्थान पर स्थित है। यह मंदिर विश्वभर में अपनी अनूठी विशेषता के कारण प्रसिद्ध है। इसे चूहों वाला मंदिर भी कहा जाता है, क्योंकि यहां हजारों काले चूहे निवास करते हैं और इन्हें श्रद्धालु अत्यंत पवित्र मानते हैं। करणी माता को दुर्गा मां का अवतार माना जाता है। यह मंदिर लगभग 600 साल पुराना है। करणी माता ने 14वीं शताब्दी में अपना जीवन देशनोक में व्यतीत किया था। ऐसा कहा जाता है कि माता करणी ने अपनी दिव्य शक्तियों से एक बच्चे को पुनर्जीवित करने के लिए यमराज से निवेदन किया, जिसके बाद उनके कुल के लोग मृत्यु के बाद चूहों के रूप में पुनर्जन्म लेने लगे। मंदिर में लगभग 25,000 चूहे हैं। इन चूहों को "काबा" कहा जाता है। यहां सफेद चूहे को देखना शुभ माना जाता है। चूहों द्वारा खाया हुआ प्रसाद और भोजन भक्तों के लिए पवित्र माना जाता है। नवरात्रि के दौरान यहां भव्य मेले का आयोजन होता है। यह समय मंदिर में दर्शन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आस्था और परंपराओं का प्रतीक भी है।